निर्जला व्रती श्रध्दालुओं ने डूबते सूर्य को दी पहला अर्घ्य
निर्जला व्रती श्रध्दालुओं ने डूबते सूर्य को दी पहला अर्घ्य
दीपावली जैसा जगमगाया छठ घाट
छठ घाट ग्राम पंचायत धौसा में जागरण का हुआ आयोजन
कौड़ीराम गोरखपुर।बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में दिवाली के बाद छठ पूजा मनाने का उत्साह हर वर्ष बढ़ता ही जा रहा है।बताते चलें कि संतान की प्राप्ति एवं उसके सुखी जीवन के लिए हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा होती है। यह व्रत मुख्यत: तीन दिनों का होता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा होती है, इसलिए इसे सूर्य षष्ठी भी कहा जाता है।मालूम हो कि रविवार को छठ महापर्व का तीसरा दिन है।चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन शाम को डूबते सूर्यदेव को अर्घ्य दिया गया।बांसगांव तहसील कौड़ीराम क्षेत्र के धस्की,धस्का,धौसा, कौड़ीराम, डढ़िया आदि गांवों में रविवार शाम डूबते सूर्यदेव को अर्घ्य दिया गया उक्त अवसर पर छठ घाट दीपावली जैसे दीपों से जगमगाता रहा।वहीं क्षेत्र के ग्राम पंचायत धौसा में ग्राम प्रधान अजीत यादव के नेतृत्व में छठ घाट पर जागरण का आयोजन किया गया जहां सैकड़ों श्रध्दालुओं ने जागरण में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाया।उक्त अवसर पर देवानन्द यादव,अमरनाथ चौधरी,संतराज यादव,राजकुमार यादव,राजू यादव,राधेश्याम यादव,जयराम पाल,भोला यादव,प्रशुतम मिश्रा
,रमेश त्रिपाठी,मुन्ना पाल, सदानंद चौधरी एवं सैकड़ों श्रध्दालु उपस्थित रहे।
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