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    यू ऐस ग्रेन काउंसिल के पदाधिकारी ने किया आईजीएल द्वारा मक्के की फसल की बुवाई की समीक्षा

    यू ऐस ग्रेन काउंसिल के पदाधिकारियों ने किया आई जी एल द्वारा मक्के की फसल की बुवाई की समीक्षा 

     सहजनवा गोरखपुर बांसगांव संदेश। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता में तैयार रिपोर्ट के अनुसार मक्के की फसल के सकारात्मक अवसरों के अनुरूप कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, कृषि एवं कल्याण विभाग, फसल एवं पी एच एफ एम प्रभाग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार डिस्टिलरीज के आस पास मक्का के खेती को बढ़ावा देने के सलाह के तहत इंडिया ग्लाइकॉल्स लिमिटेड के बिजनेस हेड एवं यूपीडीए के अध्यक्ष एस के शुक्ल के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप एकीकृत कृषि मूल्य विकास श्रृंखला योजना के अंतर्गत आईजीएल आसवनी के 50 से 100 किलोमीटर के परिक्षेत्र में उन्नति प्रजाति के शंकर मक्के की बुवाई का कार्य बहुत तीव्र गति से प्रारंभ किया जा रहा है जिसके उपरान्त उन्नत किस्म के पैदावार को आईजीएल एमएसपी मूल्य दर पर किसानों से क्रय कर एथेनॉल उत्पादन किया जायेगा। नव विकसित शंकर प्रजाति के मक्का फसल के बुवाई का बड़े पैमाने पर मूल्यांकन के लिए भारत कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर) के साथ समझौता पर हस्ताक्षर करके। इस अवसर पर ऐस के शुक्ल ने बताया की एथेनॉल पूर्ति वर्ष 2025 तक 20% मिश्रण प्राप्त करने के उद्देश्य से महत्वाकांक्षी एथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन की दिशा में सकारात्मक कार्य किया जा रहा है। राष्ट्र के अन्न भंडार के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य अल्कोहल और इथेनॉल के सबसे बड़े उत्पादको में से एक है। जिसमे 100 आसवनी की स्थापित क्षमता 350 करोड़ लीटर है। इस अपार क्षमता को देखते हुए यू पी डिस्टिलर्स एसोसिएशन एवं डिस्टिलरी उद्योग की प्रमुख संस्थाएं भविष्य के विकास क्षेत्रों की पहचान करने के लिए सक्रिय दृष्टिकोण अपना रही है। और सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है। और इस अवसर पर श्री शुक्ल ने सरकार से अनुरोध किया है कि, सरकार डिस्टिलरी इकाईयों, मक्का किसानों, अनुसंधान, बीज उद्योग आदि के परामर्श के आधार पर आरकेवीवाई/ पीपीपीएवीसीडी योजना के तहत विशेष परियोजना तैयार कर किसानों को मक्के की फसल बुवाई करने हेतु प्रोत्साहन प्रदान करें और डिस्टिलरीज़ को फीडस्टॉक के रूम में मक्का की फसल को उपयोग में लाकर एथेनॉल 20% मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करने में सहयोग करें। इसके साथ ही श्री शुक्ल ने बताया की बहुत जल्द ही मक्का उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यू पी डी ए द्वारा एक विस्तृत कार्य योजना का रिपोर्ट बनाकर राज्य सरकार से मुलाकात की जाएगी और सरकार के सहयोग से वर्ष 2025 में एथेनॉल 20% का लक्ष्य प्राप्त किया जायेगा। इस अवसर पर यू ऐस ग्रेंस काउंसिल (यूएसजीसी) के डायरेक्टर रीस जे कैनेडी द्वारा आईजीएल द्वारा उन्नति प्रजाति के मक्के की बुवाई की समीक्षा करते हुए बताया की मक्के की फसल की उपयोगिता डिस्टिलरीज़ और किसानों के लिए लाभप्रद है। यूएसजीसी ने अमेरिकी खेतों में उपयोग की जाने वाली मकई की किस्मों और पैदावार बढ़ाने के सर्वोत्तम तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्नति शंकर प्रजाति के मक्के को पूरे भारत में किसी भी प्रदेश में बुवाई करने हेतु तैयार किया गया गया है और इसकी उत्पादकता भी अन्य बीज की तुलना में अधिक है। शंकर प्रजाति के मक्के से उच्च एथेनॉल रिकवरी और बेहतर प्रोटीन गुणवत्ता का डीडीजीऐस के उत्पादन में सहायक है। इसके साथ ही यूएसजीसी ने आईजीएल के सहयोग से किसानों द्वारा की गई शंकर प्रजाति के मक्के के खेतो का दौरा किया गया और आधुनिक कृषि पद्धतियों का सफल कार्यान्वयन के लिए आईजीएल की भूरी भूरी प्रशंशा किया।


     इस अवसर का संचालन आईजीएल के प्लांट हेड शैलेंद्र कुमार पांडेय ने किया और बताया की किसानों को उन्नत बीज, बीज़ उपचार रसायन एवं कीटनाशक रसायन थोक मूल्य में उपलब्ध कराकर उनको उच्च गुणवत्ता वाले मक्के की फसल तैयार करने में सहायता किया जायेगा और कार्यक्रम की व्यवस्था सहायक प्रबन्धक प्रशासन अखिलेश कुमार शुक्ल ने किया। और इस कार्यक्रम में यू ऐस ग्रेंस काउंसिल से नयनतारा पांडे, अमित सचदेवा, एवं संजोय मोहंती एवं आईजीएल से शैलेश चन्द, ए के सिंह, अजीत कुमार त्रिपाठी, आशीष गुप्ता एवं विष्णु दत्त पाण्डेय उपस्थित रहे।

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