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    उगते सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ पर्व का हुआ समापन

    *उगते सूर्य देव को अर्घ्य देकर छठ पर्व का हुआ समापन*



    *घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रहा* 


     *एनडीआरएफ एसडीआरएफ गोताखोर लगातार धाटो पर मौजूद रहे*


     *एडीजी आईजी कमिश्नर डीएम एसएसपी नगर आयुक्त जीडीए वीसी एसपी सिटी एसपी उत्तरी एसपी दक्षिणी सहित सभी सीओ  मुस्तैद रहे*


    गोरखपुर।सूर्य देव की उपासना का महापर्व छठ पर्व अत्यंत धूमधाम के साथ मनाया गया। उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देकर 36 घंटे व्रत रखी व्रती महिलाओ पारण किया। इस दौरान यहां के राजघाट राप्ती नदी के रामघाट गोरखनाथ घाट मानसरोवर गोरखनाथ मंदिर के भीम सरोवर तारामंडल मीरपुर राप्ती नदी जंगल  बाकी सहित सभी धाटो 
     पर व्रतियों श्रद्धालुओं की हजारों की संख्या में भीड़ जुटी हुई थी। सभी तालाबों नदियों पर मेले की तरह नजर आ रहा था जहां चारों तरफ श्रद्धा और भक्ति मय सागर नजर आ रहा था।महापर्व छठ पूजा के समापन के अवसर पर तालाब घाटों में उगते हुए सूर्य देव को अर्थ देने के लिए भोर में 3 बजे से ही तलाब नदी के घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी थी जहां कोसी भरने के लिए रात भर नदी तट पर जमी रहीं महिलाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया था   एनडीआरएफ और एसडीआरएफ गोताखोर पुलिस के जवान बराबर नदी और  धाटो पर निगरानी बनाए  रहे इस दौरान एडीजी जोन अखिल कुमार आईजी रेंज जे रविंद्र गौड़ मंडलायुक्त अनिल ढींगरा जिला अधिकारी कृष्ण करुणेश वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल जीडीए उपाध्यक्ष  आनंद वर्धन पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण बिश्नोई अपर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा  निरंकार सिंह शिवपूजन यादव  एसपी दक्षिणी अरुण कुमार सिंह एसपी उत्तरी मनोज कुमार अवस्थी लगे रहे धाटो पर महिलाओं ने परंपराओं के अनुसार व्रती, श्रद्धालु पैदल चलते हुए नंगे पैर तालाब घाटों पर पहुंचने लगे थे। उगते सूरज को अर्ध्य देकर सुख समृद्धि की कामना की गई।छठ का ये पर्व संतान की सुख समृद्धि, अच्छे सौभाग्य और सुखी जीवन के लिए रखा जाता है साथ ही यह व्रत पति की लंबी उम्र की कामना के लिए भी रखा जाता है ऐसी मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से तेज, आरोग्यता और आत्मविशवास की प्राप्ति होती है दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह को पिता, पूर्वज, सम्मान का कारक माना जाता है साथ ही छठी माता की अराधना से संतान और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है. इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पर्व पवित्रता का प्रतीक है।

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